Words' Magic
Pages
About Us
Authors
Books
Read Unique
Hindi&UrduShayari
Writing Contest
Videos
Books Formatting Service
Thursday, 22 October 2015
अपने साथ हाँ वही हुई
ये वो नहीं जो सोची थी
जो सोची थी वो ज़िंदगी थी
भूलने तक की जो नौबत आई
मोहब्बत में ही कोई कमी थी
अपने साथ हाँ वही हुई
रेखाओं में जो लिखी थी
अपनी मोहब्बत बिलकुल वैसी थी
जैसी किताबों में पढ़ी थी
पूछते हो मोहब्बत क्या है
जो ना कही कभी वही थी
शायर: "आकाश"
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment